ब्रम्हास्त्र की लघु कहानिया-1
आम आदमी की खास कहानी : लौकी की सब्जी
बरसो पुरानी बात है 😂 एक शहर मे तीन गरीब दोस्त रहते थे । सूरज सिंग । प्रदीप गौतम । और विकास ...
तीनो मेहनत मजदूरी कर के दिन काट रहे है । एक रात । प्रदीप अपनी मजदूरी से एक किलो लौकी खरीद लाया ...
विकास - ये क्या है बे । लौकी क्यो ले आया । 😠
सूरज - हा यार । लौकी से मुझे सख्त नफरत है ।
प्रदीप - अबे मेरे पास इतने पैसे नही है की तेरे लिए होटल से बिरयानी लाउ..सब सब्जी के दाम आसमान छु रहे है । बस ये लौकी ही सस्ता है ...चुपचाप लौकी की सब्जी बनाओ ..
अब क्या करे भई । पैसे की कमी तो थी है । तो सब ने लौकी की सब्जी बना ही ली लेकिन -
विकास - भाई । मैं नही खाऊंगा ...😰 मेरा मन कुछ चटपटा खाने को कर रहा है 😋
सूरज - मन तो मेरा भी नही है लौकी खाने को । आई हेट लौकी 😖
प्रदीप - भाई लोगो । सच तो ये है की मुझे भी लौकी नही पसन्द ।
( इमोशनल सीन 😂😔 )
पर क्या करु । दिन भर मजदूरी करके इतने ही पैसे बचे । जिससे ये लौकी लाया हु ...अब और पैसे नही है मेरे भाई । बू हू हू हू 😫
विकास - मेरे पास एक आइडिया है । हम क्यो आज अपने कुछ दोस्तो के घर खाना खाने चले 😃
सूरज - आइडिया बुरा नही है ।
प्रदीप - ठीक है ..सबसे पहले हम लोग मेरे मित्र रजनीश भाई के यहाँ चलते है ...!
तीनो रजनीश के यहाँ गए और दरवाजा खटखटाया ।
रजनीश ने दरवाजा खोला ।
रजनीश - अरे तुम सब । आओ आओ ..😊😊
प्रदीप - भाई वो क्या है ना ...की आज आप के घर खाना...!
रजनीश - अरे तो इसमे शरमाने की क्या बात है । आओ आओ । इसे अपना ही घर समझो...वैसे आज अच्छे मौके पे आये हो । आज हमारे राजू का जन्मदिन है । घर मे उसकी पसन्द का खाना बना है ।
विकास - वाह 😃
सूरज - 😋
रजनीश - अरी भाग्यवान । दोस्त आये है । खाना बचा है की नही ।
उधर से आवाज आई ।
"..अजी राजू के हिस्से का बचा है .."
प्रदीप - ओह तो राजू ने अभी तक खाना नही खाया 😧
रजनीश - नही भाई । वो आखिर मे खाना खाता है ।
फिर तीनो की टेबल मे खाना सज गया । तीनो ने एक निवाला मुँह मे डाला ही था की ...
रजनीश - अरे राजू । तुम आ गए ।
प्रदीप - अरे राजू आ गया 😄
विकास - चलो साथ बैठ के खाना खाते है ।
तीनो ने पीछे मुड़ के देखा तो एक कुत्ता खड़ा था।
प्रदीप - ये क्या है ..😳
रजनीश - अरे यही तो राजू है । हमारे बेटे जैसा है । तुम लोग इसी के हिस्से का खाना खा रहे हो ..."
सूरज - 😦 ये तो एक कुत्ता है 😰
विकास - हम कुत्ते का खाना खा रहे थे ...थू थू..😣
सूरज - ( धीरे से ) अबे प्रदीप ...मुझे उल्टी आ रही है ...वैक $$$.....चुपचाप निकल लेते है
😖😖
रजनीश - क्या हुआ दोस्तो । खाओ ना 😂
प्रदीप - वो भाई दरअसल हम आपको बताना भूल गए हम लोग होटल से खाना खा के आये है ...ही ही ही ....इसलिए चलते है ।
😰😰😖😖
रजनीश - ठीक है भाई । पर और आना खाना खाने के लिए ...
😂😂😂
फिर तीनो सूरज के दोस्त आलोक के पास गए ।
आलोक - अरे तुम । इतनी रात गए । सब ठीक है ना ....
सूरज - हा भाई । वो बस खाना ..!
आलोक - खाना..! ऐसा बोलो ना की खाना खाना है ...तुम तीनो बैठो मैं अभी खाना बनवाता हु ...अरे मालती! अरी वो मालती ! दोस्त आये है । जल्दी गरमागरम बना ...अच्छा दोस्तो तुम लोग बैठो । मैं कुछ काम निपटा के आता हु .!
तभी एक 12 साल का बच्चा आता है ।
बच्चा - अंकल ..मेरे सवालो का जवाब दोगे । तभी खाना मिलेगा।
प्रदीप - हा बोलो बेटा 😃
बच्चा - अंकल । मुर्गी पहले आई की अंडा । 😂
प्रदीप - पता नही 😡
बच्चा - भालू के शरीर ने कितने बाल होते है 😂
प्रदीप - नही मालूम 😁
बच्चा - एक दिन मे आदमी कितनी बार सुसु करता है ।😂
प्रदीप - अबे । मुझे क्या पता ...मैं थोड़ी ना उसको जा के देखता हु ।
😠😡😡
विकास - ये खतरनाक बच्चा कोन है यार 😰
प्रदीप - 😡😡
बच्चा - पहला हवाई जहाज कहा लैंड हुआ था 😂
प्रदीप - मेरे घर पे 😤
बच्चा - मरने के बाद आदमी कहा जाता है ।
प्रदीप - गुइया के खेत मे जाता है बे ...
😤😤
सूरज - यार ये आलोक का लौंडालगता है। सह ले भाई प्रदीप ..😰😰
प्रदीप- यार यहाँ भूख से जान निकली जा रही है और ये कमबख्त..!
बच्चा - गांधी को किसने मारा ..!
प्रदीप - 😤😤 मैने मारा था । अब तुझे भी मार दूंगा .....
विकास - अरे चुप हो जा । आलोक भाई आ गए ।
आलोक - भाई वो जरा गैस खत्म हो गई ...आधा घण्टा और लगेगा ...मैं आता हु जरा ..
😂😂
प्रदीप - 😦
विकास - 😖
बच्चा - अंकल । चलो फिर से शुरू करते है
😂😂😂
प्रदीप - नही$$$$$$....
तीनो वहा से ऐसे गायब हुए जेसे गधे के सर से सिंग ।
प्रदीप - उस भयंकर बच्चे ने मेरा दिमाग चाट लिया
😫😫
विकास - भाई मेरे दोस्त के पास चलते है विनय के पास ।
तीनो फिर खाना खाने विनय के घर जाते है ।
विनय - अरे भाई लोग तुम सब यहाँ अंदर आओ ...
विकास - भाई वो दरअसल ...कुछ खाना ..!
विनय - अरे यार कैसी बात करते हो ...मेरे घर आये हो तो खाना खा कर ही जाओगे ।
प्रदीप - वाह ...😋
सूरज - ये हुई ना बात ।
विनय - भाई लेकिन घर का खाना तो खत्म हो गया है ...लेकिन फिक्र नॉट पेसे बहूत है मेरे पास । अभी होटल से मंगवाता हु ..!
विकास - धन्यवाद भाई
विनय - अच्छा...चलो लिस्ट बनाते है ।
प्रदीप - क्या भाई क्या लिस्ट ...आप जो भी मंगवाएंगे हम प्यार से खा लेंगे । ☺☺
विनय - नही नही भाई ...आपकी पसन्द का लिस्ट तो बनवाना ही होगा । तभी खाने मे मजा आएगा
😃
प्रदीप - ठीक है फिर लिखो ..चिकन तन्दूरी ..पुलाव । मटर पनीर । फिस करी .....😋
विनय - हा ठीक है । विकास तुम बताओ
विकास - बिरयानी । फ्रायचावल राइस कोपता । भिंडी का भर्ता । तन्दूरी चिकन ....
😂😂
सूरज - मेरे मे भी यही सब
😂😂
विनय - अरे यार ये तो कम है ...और बताओ ...
प्रदीप - हम्म....दाल फ्राय । तन्दूरी रोटी ...हाका नूडल्स । पिज्जा ।बॉयल अंडा ...😂😂
इस तरह विनय ने करीब एक घण्टे मे लिस्ट तैयार की ।
उसके बाद वो अंदर गया । फिर थोड़ी देर बाद बाहर आया ..
विनय - अरे यार वो लिस्ट तो पानी मे गिर गई । फिर से लिस्ट बनाना पड़ेगा ।
प्रदीप - क्या 😰
सूरज -यार ये फिर एक घण्टा लगाएगा । बू हू हू हू
विकास - भाई लिस्ट की क्या जरूरत है आप जो मनगवाओगे हम खा लेंगे
विनय - नही भाई । लिस्ट तो बनवानी ही पड़ेगी
😂😂
प्रदीप - 😡😡 लिखो भाई ...
विनय ने फिर पूछ पूछ एक घण्टे मे लिस्ट बनाई ।
सूरज - भाई अब जल्दी मंगवाओ । भूख के मारे जान निकल रही है ।
तभी विनय की बीवी की आवाज आई ।
"..अजी । खाना बाहर से मंगवाने की क्या जरूरत है फ्रिज मे पड़ा है ..खाना"
विनय - अरे हॉ...फ्रिज मे तो खाना है । 😂 अब इस लिस्ट की कोई जरूरत नही इसे फाड़ देता हु ..
😂।
प्रदीप -धीरे से 😡 कमीने ने खा मा खा दो घण्टे से दिमाग खा रहा था ।
विकास - भाई जल्दी लाओ ।
विनय अंदर गया और खाना लाया लेकिन
विनय - ओह नो । ये खाना तो खराब हो चुका है ....पर फिक्र नॉट । मैं हु ना....होटल से मंगवाते है । चलो फिर से लिस्ट बनाते है ....
सूरज - 😡😡😡
प्रदीप - अरे मेरे बाप ......नही चाहिए तेरा खाना 😤😤😤
लिस्ट तु अपनी €¢£℃♂π£.....😤😂
विकास - प्रदीप कण्ट्रोल ....😂
प्रदीप - अबे काहे का कण्ट्रोल ...तीन घण्टे से ये आदमी हमे टॉर्चर कर रहा है ...यहाँ भूख के मारे हमारी जान निकल रही है ...और ये......तेरी तो
∆¶™℃°>∆¢€.....😂😂
तीनो विनय को गाली दे के निकलते है
विकास - 😫😫 भाई मुझे कस के भूख लगी है ।
तभी वहा घर के बाहर लूंगी पहन के दांत खोट रहे हिमांशु भाई दिख गए ।
हिमांशु - अरे तुम लोग इतनी रात गए क्या कर रहे हो ...खाना वाना खाये की नही ..!
प्रदीप - कहा भाई 😫 खाने खाने की जुगाड़ मे है बू हू हू हू
हिमांशु - अरे तो मैं हु ना ...😂 आज मेने मटर पनीर और पुलाव भात बनाया है ...बस मटर पनीर मे मक्खी गिर गई थी। इसलिए इस खाने को कचरे मे फेकने जा रहा था । तो तुम लोग दिख गए
😂😂 मक्खी निकाल के फटाफट खाना खा जाओ
😄😄
प्रदीप - 😡 (साले) भाई...( कमीने) आपने हमे खाने के लिए पूछा । इसके लिए धन्यवाद ( अबे ) ...बस हमारा पेट भर गया ....हम घर मे खा लेंगे
¶♂™∆π<\♂™....😡😡
आखिर थक हार के तीनो घर आते है ।
सूरज - भाई भूख के मारे चला नही जा रहा है ।
विकास - भाई खाने के लालच मे हमने खा मा खा अपनी इज्जत का भाजी पाला करवा लिया 😖
प्रदीप - इससे बढ़िया तो हमारी लौकी की सब्जी ही अच्छा है ......विकास लाओ भाई हमारी लौकी की सब्जी । हम लोग प्रेम से खाते है ...
😏😏😊
विकास अंदर गया । फिर भागा भागा बाहर आया ।
विकास - भाई लौकी की सब्जी अंदर नही है ..😧
प्रदीप - क्या ...😳 कहा गई
विकास - लगता है कुत्ते ने खा ली । मैं दरवाजा मे कुण्डी लगाना भूल गया था
प्रदीप - 🙁🙁
सूरज - 😪😪😪😓
विकास - 😫😫😫😫
इसे कहते है सुबह का भूला शाम को घर आ जाये तो उसे लौकी की सब्जी नही मिलती
😂😂😂
अगर ये तीनो। लौकी की सब्जी मे सन्तोष कर लेते तो भूखे पेट नही सोना पड़ता
😂😂😂😂😂
शिक्षा- लौकी की सब्जी को छोड़कर बाहर खाने की लालच करने वाले को आखिर मे लौकी की सब्जी भी नही मिलती
डोंट अंडरइस्टिमेंत पॉवर ऑफ लौकी
😂😂😂
समाप्त
तो भाइयो कैसी लगी आपको लौकी की सब्जी ।😉
अपनी राय जरूर दे
बरसो पुरानी बात है 😂 एक शहर मे तीन गरीब दोस्त रहते थे । सूरज सिंग । प्रदीप गौतम । और विकास ...
तीनो मेहनत मजदूरी कर के दिन काट रहे है । एक रात । प्रदीप अपनी मजदूरी से एक किलो लौकी खरीद लाया ...
विकास - ये क्या है बे । लौकी क्यो ले आया । 😠
सूरज - हा यार । लौकी से मुझे सख्त नफरत है ।
प्रदीप - अबे मेरे पास इतने पैसे नही है की तेरे लिए होटल से बिरयानी लाउ..सब सब्जी के दाम आसमान छु रहे है । बस ये लौकी ही सस्ता है ...चुपचाप लौकी की सब्जी बनाओ ..
अब क्या करे भई । पैसे की कमी तो थी है । तो सब ने लौकी की सब्जी बना ही ली लेकिन -
विकास - भाई । मैं नही खाऊंगा ...😰 मेरा मन कुछ चटपटा खाने को कर रहा है 😋
सूरज - मन तो मेरा भी नही है लौकी खाने को । आई हेट लौकी 😖
प्रदीप - भाई लोगो । सच तो ये है की मुझे भी लौकी नही पसन्द ।
( इमोशनल सीन 😂😔 )
पर क्या करु । दिन भर मजदूरी करके इतने ही पैसे बचे । जिससे ये लौकी लाया हु ...अब और पैसे नही है मेरे भाई । बू हू हू हू 😫
विकास - मेरे पास एक आइडिया है । हम क्यो आज अपने कुछ दोस्तो के घर खाना खाने चले 😃
सूरज - आइडिया बुरा नही है ।
प्रदीप - ठीक है ..सबसे पहले हम लोग मेरे मित्र रजनीश भाई के यहाँ चलते है ...!
तीनो रजनीश के यहाँ गए और दरवाजा खटखटाया ।
रजनीश ने दरवाजा खोला ।
रजनीश - अरे तुम सब । आओ आओ ..😊😊
प्रदीप - भाई वो क्या है ना ...की आज आप के घर खाना...!
रजनीश - अरे तो इसमे शरमाने की क्या बात है । आओ आओ । इसे अपना ही घर समझो...वैसे आज अच्छे मौके पे आये हो । आज हमारे राजू का जन्मदिन है । घर मे उसकी पसन्द का खाना बना है ।
विकास - वाह 😃
सूरज - 😋
रजनीश - अरी भाग्यवान । दोस्त आये है । खाना बचा है की नही ।
उधर से आवाज आई ।
"..अजी राजू के हिस्से का बचा है .."
प्रदीप - ओह तो राजू ने अभी तक खाना नही खाया 😧
रजनीश - नही भाई । वो आखिर मे खाना खाता है ।
फिर तीनो की टेबल मे खाना सज गया । तीनो ने एक निवाला मुँह मे डाला ही था की ...
रजनीश - अरे राजू । तुम आ गए ।
प्रदीप - अरे राजू आ गया 😄
विकास - चलो साथ बैठ के खाना खाते है ।
तीनो ने पीछे मुड़ के देखा तो एक कुत्ता खड़ा था।
प्रदीप - ये क्या है ..😳
रजनीश - अरे यही तो राजू है । हमारे बेटे जैसा है । तुम लोग इसी के हिस्से का खाना खा रहे हो ..."
सूरज - 😦 ये तो एक कुत्ता है 😰
विकास - हम कुत्ते का खाना खा रहे थे ...थू थू..😣
सूरज - ( धीरे से ) अबे प्रदीप ...मुझे उल्टी आ रही है ...वैक $$$.....चुपचाप निकल लेते है
😖😖
रजनीश - क्या हुआ दोस्तो । खाओ ना 😂
प्रदीप - वो भाई दरअसल हम आपको बताना भूल गए हम लोग होटल से खाना खा के आये है ...ही ही ही ....इसलिए चलते है ।
😰😰😖😖
रजनीश - ठीक है भाई । पर और आना खाना खाने के लिए ...
😂😂😂
फिर तीनो सूरज के दोस्त आलोक के पास गए ।
आलोक - अरे तुम । इतनी रात गए । सब ठीक है ना ....
सूरज - हा भाई । वो बस खाना ..!
आलोक - खाना..! ऐसा बोलो ना की खाना खाना है ...तुम तीनो बैठो मैं अभी खाना बनवाता हु ...अरे मालती! अरी वो मालती ! दोस्त आये है । जल्दी गरमागरम बना ...अच्छा दोस्तो तुम लोग बैठो । मैं कुछ काम निपटा के आता हु .!
तभी एक 12 साल का बच्चा आता है ।
बच्चा - अंकल ..मेरे सवालो का जवाब दोगे । तभी खाना मिलेगा।
प्रदीप - हा बोलो बेटा 😃
बच्चा - अंकल । मुर्गी पहले आई की अंडा । 😂
प्रदीप - पता नही 😡
बच्चा - भालू के शरीर ने कितने बाल होते है 😂
प्रदीप - नही मालूम 😁
बच्चा - एक दिन मे आदमी कितनी बार सुसु करता है ।😂
प्रदीप - अबे । मुझे क्या पता ...मैं थोड़ी ना उसको जा के देखता हु ।
😠😡😡
विकास - ये खतरनाक बच्चा कोन है यार 😰
प्रदीप - 😡😡
बच्चा - पहला हवाई जहाज कहा लैंड हुआ था 😂
प्रदीप - मेरे घर पे 😤
बच्चा - मरने के बाद आदमी कहा जाता है ।
प्रदीप - गुइया के खेत मे जाता है बे ...
😤😤
सूरज - यार ये आलोक का लौंडालगता है। सह ले भाई प्रदीप ..😰😰
प्रदीप- यार यहाँ भूख से जान निकली जा रही है और ये कमबख्त..!
बच्चा - गांधी को किसने मारा ..!
प्रदीप - 😤😤 मैने मारा था । अब तुझे भी मार दूंगा .....
विकास - अरे चुप हो जा । आलोक भाई आ गए ।
आलोक - भाई वो जरा गैस खत्म हो गई ...आधा घण्टा और लगेगा ...मैं आता हु जरा ..
😂😂
प्रदीप - 😦
विकास - 😖
बच्चा - अंकल । चलो फिर से शुरू करते है
😂😂😂
प्रदीप - नही$$$$$$....
तीनो वहा से ऐसे गायब हुए जेसे गधे के सर से सिंग ।
प्रदीप - उस भयंकर बच्चे ने मेरा दिमाग चाट लिया
😫😫
विकास - भाई मेरे दोस्त के पास चलते है विनय के पास ।
तीनो फिर खाना खाने विनय के घर जाते है ।
विनय - अरे भाई लोग तुम सब यहाँ अंदर आओ ...
विकास - भाई वो दरअसल ...कुछ खाना ..!
विनय - अरे यार कैसी बात करते हो ...मेरे घर आये हो तो खाना खा कर ही जाओगे ।
प्रदीप - वाह ...😋
सूरज - ये हुई ना बात ।
विनय - भाई लेकिन घर का खाना तो खत्म हो गया है ...लेकिन फिक्र नॉट पेसे बहूत है मेरे पास । अभी होटल से मंगवाता हु ..!
विकास - धन्यवाद भाई
विनय - अच्छा...चलो लिस्ट बनाते है ।
प्रदीप - क्या भाई क्या लिस्ट ...आप जो भी मंगवाएंगे हम प्यार से खा लेंगे । ☺☺
विनय - नही नही भाई ...आपकी पसन्द का लिस्ट तो बनवाना ही होगा । तभी खाने मे मजा आएगा
😃
प्रदीप - ठीक है फिर लिखो ..चिकन तन्दूरी ..पुलाव । मटर पनीर । फिस करी .....😋
विनय - हा ठीक है । विकास तुम बताओ
विकास - बिरयानी । फ्रायचावल राइस कोपता । भिंडी का भर्ता । तन्दूरी चिकन ....
😂😂
सूरज - मेरे मे भी यही सब
😂😂
विनय - अरे यार ये तो कम है ...और बताओ ...
प्रदीप - हम्म....दाल फ्राय । तन्दूरी रोटी ...हाका नूडल्स । पिज्जा ।बॉयल अंडा ...😂😂
इस तरह विनय ने करीब एक घण्टे मे लिस्ट तैयार की ।
उसके बाद वो अंदर गया । फिर थोड़ी देर बाद बाहर आया ..
विनय - अरे यार वो लिस्ट तो पानी मे गिर गई । फिर से लिस्ट बनाना पड़ेगा ।
प्रदीप - क्या 😰
सूरज -यार ये फिर एक घण्टा लगाएगा । बू हू हू हू
विकास - भाई लिस्ट की क्या जरूरत है आप जो मनगवाओगे हम खा लेंगे
विनय - नही भाई । लिस्ट तो बनवानी ही पड़ेगी
😂😂
प्रदीप - 😡😡 लिखो भाई ...
विनय ने फिर पूछ पूछ एक घण्टे मे लिस्ट बनाई ।
सूरज - भाई अब जल्दी मंगवाओ । भूख के मारे जान निकल रही है ।
तभी विनय की बीवी की आवाज आई ।
"..अजी । खाना बाहर से मंगवाने की क्या जरूरत है फ्रिज मे पड़ा है ..खाना"
विनय - अरे हॉ...फ्रिज मे तो खाना है । 😂 अब इस लिस्ट की कोई जरूरत नही इसे फाड़ देता हु ..
😂।
प्रदीप -धीरे से 😡 कमीने ने खा मा खा दो घण्टे से दिमाग खा रहा था ।
विकास - भाई जल्दी लाओ ।
विनय अंदर गया और खाना लाया लेकिन
विनय - ओह नो । ये खाना तो खराब हो चुका है ....पर फिक्र नॉट । मैं हु ना....होटल से मंगवाते है । चलो फिर से लिस्ट बनाते है ....
सूरज - 😡😡😡
प्रदीप - अरे मेरे बाप ......नही चाहिए तेरा खाना 😤😤😤
लिस्ट तु अपनी €¢£℃♂π£.....😤😂
विकास - प्रदीप कण्ट्रोल ....😂
प्रदीप - अबे काहे का कण्ट्रोल ...तीन घण्टे से ये आदमी हमे टॉर्चर कर रहा है ...यहाँ भूख के मारे हमारी जान निकल रही है ...और ये......तेरी तो
∆¶™℃°>∆¢€.....😂😂
तीनो विनय को गाली दे के निकलते है
विकास - 😫😫 भाई मुझे कस के भूख लगी है ।
तभी वहा घर के बाहर लूंगी पहन के दांत खोट रहे हिमांशु भाई दिख गए ।
हिमांशु - अरे तुम लोग इतनी रात गए क्या कर रहे हो ...खाना वाना खाये की नही ..!
प्रदीप - कहा भाई 😫 खाने खाने की जुगाड़ मे है बू हू हू हू
हिमांशु - अरे तो मैं हु ना ...😂 आज मेने मटर पनीर और पुलाव भात बनाया है ...बस मटर पनीर मे मक्खी गिर गई थी। इसलिए इस खाने को कचरे मे फेकने जा रहा था । तो तुम लोग दिख गए
😂😂 मक्खी निकाल के फटाफट खाना खा जाओ
😄😄
प्रदीप - 😡 (साले) भाई...( कमीने) आपने हमे खाने के लिए पूछा । इसके लिए धन्यवाद ( अबे ) ...बस हमारा पेट भर गया ....हम घर मे खा लेंगे
¶♂™∆π<\♂™....😡😡
आखिर थक हार के तीनो घर आते है ।
सूरज - भाई भूख के मारे चला नही जा रहा है ।
विकास - भाई खाने के लालच मे हमने खा मा खा अपनी इज्जत का भाजी पाला करवा लिया 😖
प्रदीप - इससे बढ़िया तो हमारी लौकी की सब्जी ही अच्छा है ......विकास लाओ भाई हमारी लौकी की सब्जी । हम लोग प्रेम से खाते है ...
😏😏😊
विकास अंदर गया । फिर भागा भागा बाहर आया ।
विकास - भाई लौकी की सब्जी अंदर नही है ..😧
प्रदीप - क्या ...😳 कहा गई
विकास - लगता है कुत्ते ने खा ली । मैं दरवाजा मे कुण्डी लगाना भूल गया था
प्रदीप - 🙁🙁
सूरज - 😪😪😪😓
विकास - 😫😫😫😫
इसे कहते है सुबह का भूला शाम को घर आ जाये तो उसे लौकी की सब्जी नही मिलती
😂😂😂
अगर ये तीनो। लौकी की सब्जी मे सन्तोष कर लेते तो भूखे पेट नही सोना पड़ता
😂😂😂😂😂
शिक्षा- लौकी की सब्जी को छोड़कर बाहर खाने की लालच करने वाले को आखिर मे लौकी की सब्जी भी नही मिलती
डोंट अंडरइस्टिमेंत पॉवर ऑफ लौकी
😂😂😂
समाप्त
तो भाइयो कैसी लगी आपको लौकी की सब्जी ।😉
अपनी राय जरूर दे
Waah waah mazedar, bs sign ka sahi se use kijiye, hamesha full stop ka use krna sahi nhi hota
ReplyDeleteजी जरूर
Deleteशानदार कहानी
ReplyDelete😂🤣😃😄
😂😂😂😂 bahut khoob
ReplyDelete🤣🤣🤣🤣🤣mast hai
ReplyDelete🤣🤣🤣🤣mast
ReplyDeleteजी थैंक यू
ReplyDelete😂😂😂😂 very funny
ReplyDeleteBahut badhiya maja aa gaya
ReplyDeleteMaine abhi Padhi Nahin Hai per main time nikal kar padhunga Veri nice
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